सोमवार, 27 नवंबर 2023

मोटापा कम करने के उपाय




मोटापा को कम कैसे करें - सरल उपाय और घरेलु नुस्खे




आज कल  के दौर-भाग वाली ज़िन्दगी और व्यस्तता के कारण मोटापा का होना एक गम्भीर रूप धारण करता जा रहा है। हमें अपने आस पास हर जगह कोइ न कोइ मोटा व्यक्ति दिख जाएगा। यहाँ तक के हर घर मे कोइ न कोइ मोटा व्यक्ति मिल जाएगा। मोटापा होना, मुख्य रूप से हमारे खान-पान, हमारे दिनचर्या और हमारे कार्य शैली पर निर्भर करता है। दोस्तो इस आर्टिकल में हम मोटापा किया है, मोटापा होने के किया कारण किया है। मोटापा होने से किया परेशानी हो सकती है या कोइ दुसरी बीमारी हो सकती है। क्या मोटापा को हमेशा के लिय खत्म किया जा सकता है। मोटापा को कैसे कम किया जा सकता है। मोटापे को कम करने के लिए कौन कौन से घरेलु नुस्खे प्रयोग में ले सकते हैं। क्या इन सब के लिए कोई दवाई ले सकते हैं आदि। इन सब बातों को हम विस्तार से जानेंगे। इसके लिए पूरे आर्टिकल को पढ़ना जरूरी है।

मोटापा किया है और इसके किया कारण है ?
मोटापा एक प्रकार का शारीरिक विकार है जिस में अत्यधिक वसा शरीर के विभिन्न भागो में जमा हो जाता है। जब शरीर का वजन सामान्य से अधिक हो जाए तो मोटापा कहलाता है। बी0 एम0 आई0 ( बॉडी मास इंडेक्स) मोटापा के बारे में जनने का एक पैमाना है यदि BMI 25 से ज्यादा है तो मोटापा कहलायेगा।
    मोटापे का कोई एक विशेष कारण नहीं है बल्कि इसके अनेकों कारण है। ये अनुवांशिक हो सकता है, विटामिन-डी के कमी से हो सकता है। कम नींद लेने से , गर्भ धारण होने  से, कुछ दवाईयाँ जैसे एनटिडिप्रेसेंट, स्टेरॉयड, शुगर की दवाई के उपयोग करने से मोटापा हो सकता है। लेकिन मोटे होने के  सबसे प्रमुख कारण है काफी समय तक हम जितनी कैलोरी लेते है या खाते हैं उससे कम अपने दैनिक जीवन में खपत ( बर्न) करते हैं, जिस से धीरे धीरे एक्सट्रा कैलोरी हमारे शरीर में जमा होने लगता है और वजन बढ़ने लगता है और मोटापे की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

हमारे शरीर पर मोटापे का दुष्प्रभाव
मोटापा हमारे तथा हमारे शरीर के लिए बिल्कुल ही अच्छा नहीं है। मोटापे के कारण बहुत से गम्भीर बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती है, जैसे- उच्च रक्तचाप, प्रजनन क्षमता मे कमी आना, कोलेस्ट्राल का बढ़ना, शुगर का बढ़ना, लीवर का मोटा होना, साँस लेने में दिक्कत, कैंसर आदि।

मोटापा से छूटकारा कैसे पाएँ 
हम मोटापे से छुटकारा पा  सकते है और अपने शरीर को पतला कर सुडौल, सुन्दर और आकर्षित दिख सकते हैं। इसके लिये हमें अपने खान-पान पर नियंत्रण करना होगा। व्यायाम करना होगा और कुछ घरेलु नुस्ख़े भी अपना सकते हैं।

1. उचित भोजन को आवश्यक मात्रा में लेना
मोटापा से छुटकारा पाने के लीये अपने दैनिक आहार पे ध्यान देना बहुत ही आवश्यक है। अपने भोजन मे कम कैलोरी वाला खाद्य पदार्थो को शामिल करें। अपने भोजन मे अनाज जैसे बजरा, गेहूं आदि को शामिल करें। हरी सब्जी जैसे पालक, मेथी और सरसों, करेला, पत्ता गोभी, लौकी, बीन्स आदि अपने भोजन मे लें। खीरा, ककरी, गाजर, मूली, चुकंदर आदि का बना सलाद खायें। सुबह का भोजन जियदा मात्रा मे लें लेकिन दोपहर में हल्का और रात को सबसे हल्का भोजन करें। कोशिस करें कि रात का भोजन सोने से कम से कम 1- 2 घंटे पहले कर लें।

2. घरेलु नुस्खे
I. जियदा से जियदा गर्म पानी पियें। गर्म पानी पीने से शरीर मे पानी की कमी नहीं होती है और पेट पर जमा हुआ वसा धीरे धीरे  घटता है।
ii. लगभग 300ml पानी में अदरक का एक टुकड़ा उबाल कर इस में एक नीबू का रस मिला कर पियें।
iii. ग्रीन टी का सेवन करने से मोटापा घटता है।
Iv. हर रोज सुबह एक कप गर्म पानी में एक चम्मच शाहद मिला कर पियें। यह वजन कम करने मे लाभदायक होता है।
iv. एक - एक चम्मच सौंफ, जीरा और अज्वाईन का मिश्रण बना लें और इसे लगभग एक गिलास पानी में डाल कर उबाल लें और चाय के तरह पियें।

3. व्यायाम तथा शारीरिक परिश्रम
वजन कम करने मे योग और व्यायाम बहुत ही लाभदायक होता है। प्रति दिन सुबह 3-4 कि0 मी0 तेज चलना या दौरना, साईकिल चलाना स्वस्थ शरीर के लिये बहुत ही अच्छा होता है। 
4.मोटापे की OTC दवाई
मोटापे को कम करने के लिए बहुत सारी  OTC दवाईयाँ उपलब्ध है। लेकिन डाक्टर के  सलाह से ही कोई भी दवा का सेवन करें। डाक्टर के सलाह के बिना कोई भी दवा स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।

5. चिकित्सक के सलाह तथा देख-रेख में ऑप्रेशन:
प्रशिक्षत तथा तजुर्बेकार चिकित्सक द्वारा विभिन्न प्रकार के सर्जरी तथा तकनीक ( जैसे- गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी, टमीटक या एब्डोमिनोप्लास्टि, लिपोसक्शन आदि) का उपयोग कर अत्याधिक वसा को हटा कर मोटापा को कम किया जा सकता है। वजन कम करने ( Weight Loss ) वाले  सभी प्रकार के सर्जरी को सामूहिक रूप से बैरियॉटिक सर्जरी कहलाता है।

गैस्ट्रिक बाई पास सर्जरी:- गैस्ट्रिक बाई पास सर्जरी दुसरे सर्जरी के मुकाबले आसान होता है। इस लिए यह सबसे से अधिक प्रचलित है। इसे या तो भोजन की मात्रा को कंट्रोल कर के या हम जो भोजन खाते हैं उसके पोषक तत्वों का अवशोषण कम करके या दोनो ही तरह से किया जाता है।

टमीटक या एबडोमिनोप्लास्टि:- इस प्रकार का सर्जरी सभी के लीये उचित नही होता है। जिनका स्वास्थ अच्छा हो और जिनके पेट पर अधिक मात्रा में फैट जमा हो या वजन कम करने से पेट की चमड़ी ढीली पड़ गई हो। उस के लिये  टमीटक उपयुक्त होता है। इस सर्जरी द्वारा एक्सट्रा फैट को निकाला जाता है।

लिपोसक्शन:- इस सर्जरी में डाक्टर द्वारा त्वचा मे उपयुक्त स्थान पर एक छोटा सा काट लगाया जाता है और उसमे एक पतली सी ट्यूब को अन्दर डाला जाता है। शरीर के जिस भाग में अत्यधिक वसा जमा होता है इस ट्यूब को वहाँ के त्वचा के अन्दर घुमाया जाता है और अतिरिक्त वसा को बाहर निकाला जाता है।

निष्कर्ष:
इस आर्टिकल के द्वारा हम लोगों ने मोटापा तथा इसके किया कारण हैं। मोटापे का हमारे  शरीर पर दुष्प्रभाव, घरेलु उपाय, व्यायाम आदि के बारे में जाना। हम ने यह भी जानकारी प्राप्त किया के मोटापे को अपने आहार में उचित भोजन को शामिल करके तथा विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन के द्वारा मोटापे से छुटकारा पा सकते हैं।
          मैं आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा और लाभकारी भी सिद्ध होगा।
                  धन्यवाद।


रविवार, 12 नवंबर 2023

दसवीं के लिए बहुवैल्पिक प्रशन


बिहार बोर्ड के 10वी  के परीक्षा में जीव विज्ञान से पुछे जाने की सम्भावित बहुवैल्पिक प्रशन

((1). विज्ञान का वह शाखा जिस में अणुवांशिक गुणों का अध्य्यन किया जाता है, क्या कहलाता है?
(A).जीव विज्ञान  (B). अनुवांशिकी विज्ञान (C). पादप विज्ञान (D). जन्तु विज्ञान 

Ans- B

(2). जन्तुओं में "जीनों" के मिलने से बनने वाली संरचना क्या कहलाती है?
(A).जीनोटाइप (B).फिनोटाइप (C).DNA  (D).सभी 

Ans- A

(3). गुणसूत्र हमेशा किस प्रकार में होता है?
(A). जोड़ी में (B). अकेला  (C). श्रेणी में  (D). कोई नहीं 

Ans- A

(4). गुणसूत्र का खोज किस वैज्ञानिक ने किया था?
(A).वोल्टेयर  (B).हॉफमिस्टर   (C).मेंडल    (D). हूक 

Ans- B

(5). एक 20 वर्ष का परुष है उसके पास किस प्रकार का गुणसूत्र होगा?
(A).XX   (B).YY    (C). XY   (D). 20XY

Ans- C

(6). मेंडल ने अपना प्रयोग किस पौधे पर किया था?
(A). टमाटर (B).बैंगन   (C). मटर   (D). आलु 

Ans- C

(7). प्रभविता का नियम, मेंडल के "अनुवांशिकता के प्रमुख नियम " में से एक है?
(A). हाँ    (B). नहीं    (C).हो भी सकता है   (D). बिल्कुल नहीं 

Ans-A

(8). वैसे गुणसूत्र जो लिंग निर्धारण में भाग नहीं लेता है, क्या कहलाता है?
(A). लिंग गुणसूत्र (B). ऑटोसोम (C). युग्मक  (D). शुक्राणु 


Ans-B

(9). उपार्जित लक्षण क्या है?
(A).अनुवांशिक लक्षण होते हैं (B). अनुवांशिक लक्षण नही होते हैं  (C). दोनो  (D). कोई नहीं 

Ans-B


(10). मनुष्य का हाथ और घोड़ा का अगला पैर, निम्न में से किसका उदाहरण है?
(A).सामजात अंग  (B). समरूप अंग  (C). विषमजात अंग (D). इन में से कोई नहीं 

Ans- A


मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023

मासिक धर्म ( Period )

         मासिक धर्म को माहवारी, रजोधर्म आदि नामो से जाना जाता है। यह एक प्रकार  का  प्राकृतिक  प्रक्रिया  है जिस में रक्त गर्भाशय से योनि के द्वारा बाहर निकलता रहता है ।
          इस लेख में हम मासिक  धर्म  के संबंध में बहुत सी जानकरी प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। जैसे मासिक धर्म क्या है, मासिक चक्र क्या है, मासिक चक्र क्या क्या अवस्थाएँ हैं आदि। इसलिए पूरा लेख पढ़ना बहुत ही लाभदायक होगा।


                  मासिक धर्म ( Period )
          मासिक धर्म को माहवारी, रजोधर्म या मासिक चक्र भी कहा  जाता है। अन्ग्रेजी में इसे मेंस्ट्रुअल साईकल या एम0 सी0 (Mens- trual Cycle or M.C), पेरियड (Period ) कहते  हैं। यह  स्त्रियो  में होने वाली एक प्राकृतिक घटना है। माहवारी के दौरान रक्त गर्भा-  शय से योनि के मार्ग द्वारा  शरीर से बाहर निकलता है। लड़कियों में माहवारी प्राय: 11 से 14 वर्ष की आयु में आरम्भ हो जाता है जोकि  यौवन अवस्था आरम्भ होने का एक  संकेत है।  लड़कियों के जीवन का  सबसे  पहला  मासिक  धर्म  को  मेनार्च  (Menarche) कहा जाता है।
          जब  लड़कियाँ  यौवन  अवस्था  में  पहुँचती है  तो अंडाशय से हार्मोन  विशेष  रूपसे  एस्ट्रोजन हार्मोन निकलना  शुरु  होता  है  जीस  से  कि मासिक धर्म आरंभ होता है और साथ  ही  स्तनों  का  विकास  होता है।  मस्तिष्क  में मौजूद प्युटीटरी  ग्रंथि ( Pituitary gland )  द्वारा  गोनैडोट्रोपीन हार्मोन  ( FSH = Follicle Stim- ulating Hormone  और  LH = Luteinizing  Hormone )  का  स्राव  होता है। यह  गोनैडोट्रोपिन  हार्मोन  हर  महीने अंडाशय से  एक पूर्ण विकसित अण्डा निकाल कर इसे गर्भाशय की ओर ले जाता है। अब यदि अण्डा शुक्राणु द्वारा निषेचित हो जाता है तो गर्भ  रुक  जाता है अन्यथा लगभग 14 दिनो के बाद गाढ़ा  रक्त  के  रूप  में  योनि के द्वारा  शरीर से बाहर निकल जाता   है। यह पूरी प्रक्रिया मासिक  धर्म  कहलाता  है। मासिक  धर्म  प्राय:  3 से 5 दिनो  तक  चलता है।


                       मासिक चक्र क्या है 
          मासिक चक्र  की  लम्बाई 28 दिनों का का होता है। मासिक  चक्र  सभी  महिलाओं में एक जैसा नहीं होता है। मासिक  चक्र  की  लम्बाई, मेनार्च (सबसे पहली मासिक धर्म ) और  रजोनिवृत्ति (मेनो- पॉज अर्थात् सबसे आखिर  का मासिक धर्म ) के बीच घटती बढ़ती रहती है। इसलिए मासिक  चक्र  की  लम्बाई  24  से  35 दिनों तक का हो सकता है।


         मासिक चक्र की कौन कौन सी अवस्थाएँ  होती हैं 
      मासिक चक्र मुखय रूप से चार अवस्थाओं में सम्पन्न होता है।
(i). मेंस्ट्रुएशन (Mensturation):- यह मासिक चक्र का सबसे  प्रथम  अवस्था  है।  इस  अवस्था में रक्त, म्युकस और गर्भाशय के  परत  की  कोशिकाओं से मिलकर बनी द्रव्य योनि के  द्वारा  बाहर  निकलता है।यह अवस्था प्राय: 2 से 5 दिनो का होता है।

(ii). फालिक्युलर अवस्था:- यह अवस्था मासिक चक्र के पहले  दिन से आरंभ होकर ओवुलेशन ( Ovulation ) "अर्थात्  अण्डा- शय से एक परिपक्व अण्डे  का   बाहर निकलने" , तक रहता है। इसी अवस्था में गर्भाशय की परत फिर से बनने लगता है।

(iii). अंडोत्सर्ग (Ovulation):- इस अवस्था में मुख्यतः अण्डा- शय से अण्डा निकलता है जो कि फैलोपीयन ट्यूब से होकर जाती  है और गर्भाशय (Uterus) की दीवार से जाकर  चिपक जाती है। यह अवस्था मासिक धर्म आरम्भ होने के लगभग दो सप्ताह पहले अर्थात् मासिक  चक्र के ठीक बीचो-बीच  होता  है।  अब यदि इस अवस्था में, अण्डाणु के सम्पर्क में कोई  शुक्राणु 24 घंटे के भीतर आती में तो वह  अण्डाणु ,  शुक्राणु  द्वारा  निषेचित  हो  जाती  है अन्यथा यह नष्ट होकर रक्त, म्युकस और टूटे हुए गर्भाशय परत से मिलकर बनी द्रव्य के साथ बाहर आ जाती है। 

(iv). ल्युटील  अवस्था ( पीतपिण्ड  अवस्था ) :- यह  अवस्था  अंडोत्सर्ग (Ovulation) और  नये मासिक चक्रके  बीच होता है।  इस  अवस्था  में   प्रोजेस्टेरोन  हार्मोन  का  लेवल  बढ़  जाता  है। 
प्रोजेस्टेरोन हार्मोन गर्भाशय की परत की मोटाई को उचित रूप में बनाए रखता  है, ताकि निषेचित  अण्डे  को उचित मात्रा में पोषण मिल सके और अगर अण्डा निषेचित नहीं हो सका तो प्रोजेस्टेरोन लेवल घट जाती है; गर्भाशय की परत टूटने लगती है और मासिक द्रव के साथ बाहर निकल जाती है। 


              रजोनीवृत्ति ( Menopause ) किया है
      महिलाओं में जब मासिक धर्म आना बन्द हो जाता है तो उसे " रजोनीवृत्ति  ( Menopause ) "  कहा जाता है।  रजोनीवृत्ति महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। यह 45 से 50 वर्ष  की  आयु  के  महिलाओं  में  होता है।  रजोनीवृत्ति के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का बनना कम हो जाता है। रजोनीवृत्ति की अवस्था  एकदम  से  नहीं  आता है।  इसके  आने से पूर्व कुछ लक्षण  देखा  जा  सकता  है, जैसे  मासिक  चक्र में अनियमितता,  शारीर में गर्मी  महसूस  होना , मूड  का  बदलना , नींद कम आना, चिड़चिड़ापन, योनि में सुखापन, संभोग  के दौरान दर्दहोना आदि।


            मासिक धर्म के दौरान दर्द का होना
          कभी-कभी  मासिक  धर्म के दौरान महिलाओं  में दर्द और ऐंठन महसूस होने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि मासिक धर्म के दौरान में हार्मोन (प्रोजेस्टेरोन हार्मोन) का उत्पादन होता है। जिस  कारण  गर्भाशय में संकुचन होता है ताकि गर्भाशय की टूटी हुइ  परत  बाहर  निकल  सके।  इसी  संकुचन के कारण दर्द और ऐंठन महसूस होता है।


   मासिक धर्म के दौरान दर्द को कम करने के उपाय 
          मासिक  धर्म  के दौरान हल्की-फुल्की दर्द का होना बहुत  ही  साधारण सी बात है। कुछ उपायों का प्रयोग कर इस से छुटकारा पा सकते हैं। जैसे  पेट और  पीठ के निचले भाग में मालिश करना, गर्म पैड का प्रयोग करना,अज्वाईन का प्रयोग करना आदि। इसकेअलावे कुछ ओ0 टी0 सी0(OTC = Over The Counter )दर्द  निवारक दवाई (अर्थात् जिस दवाई के लिये  प्रेसकैपशन की आवशकता नहीं हो ) , जैसे  पैरासिटामोल  या  आईबोप्रोफेन  का  प्रयोग  किया  जा सकता है। परन्तु डा0 की सलाह से दवाई का प्रयोग करना उचित रहता है।



सोमवार, 22 मई 2023

Garlic ( Lehsun )

The scientific name of Garlic (Lehsun in hindi) is Allium Sativum. Garlic used in India maily in the form of spices. It has many active chemical components like Allicin, Alliin, diallyl sulfide (DAS), diallyl disulfide (DADS), diallyl trisulfide (DATS), S-allyl cysteine, E/Z -ajoene etc.
                               Garlic Bulb
Use and benefits of Garlics:
1. Garlic has booster property to our body's immune system.
2. Garlic has an anticancerous property. It helps to prevent from cancer specially colon cancer.
3. Garlic reduces the blood pressure.
4. Garlic can controll the cholesterol levels.
5. Garlic can be used to protect digestive system.
6. Garlic has an antibiotc properties. Garlic extracts have been shown to suppress the growth fungi, protozoa, virus etc.
7. It has bone therapeutic property and can be used to rid of from knee pain and others also.
8. It is used to treat cold and flu.
9. It repels mosquitoes.
10. It is very commonly used in the of spices.


मोटापा कम करने के उपाय

मोटापा को कम कैसे करें - सरल उपाय और घरेलु नुस्खे   आज कल  के दौर-भाग वाली ज़िन्दगी और व्यस्तता के कारण मोटापा का...